बीजेपी प्रत्याशी लीलाराम पहले INLD में थे और उनकी राजनीति की सफ़र इसी पार्टी से हुई थी। लेकिन, 2014 में उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया था।
चुनावों में अक्सर अजीबो-गरीब किसे हो जाते हैं। कभी नेताओं के चर्चे तो कभी उनकी जुबान से निकली बातें सुर्खियों में आ जाती है। ऐसा ही किसा हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान भी देखने को मिला

चुनावों में अक्सर अजीबो-गरीब किसे हो जाते हैं। कभी नेताओं के चर्चे तो कभी उनकी जुबान से निकली बातें सुर्खियों में आ जाती है। ऐसा ही किसा हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान भी देखने को मिला . यहां भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी ने लोगों से वोट की अपील करते हुए दूसरे दल के चुनाव चिन्ह पर बटन दबाने की अपील कर डाली। यह वाकया कैथल का है। यहां लीलाराम बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। लीलाराम लोगों के बीच अपने लिए वोट मांगने पहुंचे थे। लेकिन, बीजेपी का प्रत्याशी होने के बावजूद उनकी जुबान से INLD को वोट करने की बात मुंह से निकल गई।

लीलाराम ने अपनी जुबान से जैसे ही दूसरी पार्टी के लिए वोट की अपील की, वहां जनसभा का माहौल ही बदल गया और लोग हंसी-मजाक करने लगे। हालांकि, जब उन्हें अपनी गलती का एहसास हुआ तब उन्होंने इसमें सुधार किया। हालांकि, लीलाराम बीजेपी से पहले INLD (इंडियन नेशनल लोकदल) में रह चुके हैं। उनकी शुरुआती राजनीति ही INLD से शुरू हुई थी। कैथल सीट से ही वह चुनाव लड़ चुके हैं। लेकिन, 2014 में वह बीजेपी में शामिल हो गए।

हरियाणा में 90 सीटों के लिए विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। यहां 21 अक्टूबर को प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला मतदाता करेंगे। जबकि, वोटों की गिनती 24 अक्टूबर को होगी। इस बीच बीजेपी को छोड़ दें तो कांग्रेस और आईएनएलडी समेत अन्य पार्टियों में गुटबाजी और तोड़फोड़ खूब देखी जा रही है। कांग्रेस में तो उसके पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर ने नाराज होकर पार्टी से इस्तीफा दे दिया। तंवर ने आरोप लगाया कि जमीन से जुड़े नेताओं की अनदेखी की जा रही है और पैसे लेकर टिकट बांटे जा रहे हैं।