कोरोना वायरस के चलते सीएम अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय बैठक में एक महत्तपूर्ण फैसला लिया गया है. आपको बता दें कि इस बैठक में संबंधित विभागों के मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे. आइए आपको बताते है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री ने शाहीन बाग को लेकर क्या फैसला लिया है.

मुख्यमंत्री ने बताया है कि सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक समेत सभी तरह के कार्यक्रमों और धरना-प्रदर्शन में 50 से ज्यादा लोग एकत्र नहीं हो पाएंगे. आपको बता दें कि इससे पहले ये संख्या लगभग 200 थी. फिलहाल शादी को इससे छूट दी गई है. इसके अलावा, जिम, नाइट क्लब, स्पा, साप्ताहिक बाजार को भी 31 मार्च तक बंद कर दिया गया है. साथ ही बता दें कि अभी मॉल्स को इससे छूट दी गई है. जरूरी होने पर दो-तीन दिन में इस बारे में फैसला लेकर जानकारी दी जाएगी।

एक तरफ केंद्र सरकार और राज्य सरकारें कोरोना के संबंध में कोई कसर नही छोड़ना चाहते हैं वही शाहीन बाग में पिछले तीन महीने से विरोध कर रही महिलाओं पर इसका कोई असर दिखाई नहीं दे रहा हैं. इस को लेकर केजरीवाल ने कहा है कि अगर कोई इसको नहीं मानता तो संबंधित इलाके का जिला मजिस्ट्रेट दिल्ली पुलिस की मदद से महामारी रोग अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएंगी. दिल्ली सरकार की पहली प्राथमिकता कोरोना वायरस से होने वाली बीमारी को फैलने से रोकना है।

CAA के खिलाफ महिलाओं की अगुवाई वाले धरने को आज 95 दिन हो गए हैं. आपको बता दें कि इस धरने को युवा और कॉलेज छात्रों ने संबोधित किया है. धरने में बड़ी संख्या में बच्चे भी शामिल है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की कि कोरोना वायरस के बढ़ते कहर के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी में 31 मार्च तक 50 से अधिक लोगों की मौजूदगी वाले धार्मिक, सामाजिक सांस्कृतिक कार्यक्रम और राजनीतिक बैठकें करने की अनुमति नहीं होगी.

भारत में अब तक कोरोना से 3 लोगों की मौत हो चुकी है. बात करें इटली की तो वहां कोरोना से एक दिन में 475 से ज्यादा मौतें हो गई है और इन्ही सब परिणामों को देखते हुए केजरीवाल और मोदी सरकार मिल कर दिल्ली को शुद्ध और सुरक्षति रखने में कोई कसर नही छोड़ रहे हैं।