पछले दो महीने से दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हो रहा विरोध प्रदर्शन अभी भी जारी है. आपको बता दें कि इस सब के बीच सुप्रीम कोर्ट ने वजाहत हबीबुल्ला से प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने और रिपोर्ट देने के लिए कहा था. साथ ही कोर्ट ने दो वार्ताकार संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन को भी शाहीन बाग भेजा था.

जानकारी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट की तरफ से दिए गए निर्देश के बाद वजाहत हबीबुल्ला प्रदर्शन स्थल पर गए थे और उन्होंने वहां हलफनामा भी दायर किया है. आपको बता दें कि वजाहत हबीबुल्ला ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया है जो कि सड़क बंद को लेकर है. इस हलफनामे में कहा गया है कि प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा है. पुलिस ने 5 जगहों पर रोड ब्लॉक किया है.

उन्होंने कहा कि अगर ब्लॉकिंग रोक दी जाती तो ट्रैफिक सामान्य तरीके से चलने लगता. हलफनामे में आगे कहा गया है कि पुलिस ने बेवजह रास्ता बंद किया, जिसकी वजह से लोगों को परेशानी हुई है. आपको बता दें कि अपने हलफनामे में वजाहत हबीबुल्ला ने लिखा है कि पुलिस ने बेवजह रास्ता बंद किया है, जिससे लोगों को परेशानी हो रही है. हालांकि स्कूल वैन और एंबुलेंस जाने की इजाजत दी जा रही है लेकिन पुलिस की चेकिंग के बाद ही इसकी अनुमति है. सीएए, एनपीआर और एनआरसी के मुद्दे पर सरकार को प्रदर्शनकारियों से बात करनी चाहिए.

जानकारी के मुताबिक वजाहत हबीबु्ल्ला पूर्व आईएएस अधिकारी हैं और प्रमुख सूचना आयुक्त भी रह चुके हैं. हबीबुल्ला राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के भी अध्यक्ष रह चुके हैं. बताते चलें कि सुप्रीम कोर्ट में सोमवार यानी की कल शाहीन बाग के मुद्दे पर सुनवाई होने वाली है.

इधर शाहीन बाग में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों से सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त वार्ताकार साधना रामचंद्रन की चौथे दिन की बातचीत भी बेनतीजा रही है. लगातार चौथे दिन शनिवार सुबह वार्ताकार रामचंद्रन यहां पहुंचीं और उन्होंने प्रदर्शनकारियों को रास्ता खोलने के लिए समझाया. वार्ताकार के समक्ष सात मांगें रखते हुए प्रदर्शनकारियों ने कहा है कि जब तक सीएए वापस नहीं लिया जाता, तब तक रास्ते को खाली नहीं किया जाएगा.