उन्नाव मामले के दो शख्स में से एक के घटना के दिन अस्पताल में भर्ती होने की खबर झूठी निकली है. अस्पताल के डॉक्टरों ने इस दावे को पूरी तरह से खारिज कर दिया. आरोपी शुभम त्रिवेदी की ओर से कोर्ट में बताया गया था कि घटना वाले दिन वह सुमेरपुर की एक अस्पताल में भर्ती था. उसे पांच दिन बाद अस्पताल से छुट्टी मिली थी.

वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स ने भी आरोपी शुभम त्रिवेदी के सुमेरपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 10 दिसंबर 2018 को भर्ती होने की खबर चलाई थी. खबरों में बताया गया था कि उसे पांच दिन बाद अस्पताल से छुट्टी मिली है. लेकिन अस्पताल के डॉक्टर विनय तोमर से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया, ‘मैंने अगस्त 2019 में चार्ज लिया है, मामला 2018 दिसंबर का बताया जा रहा है. जिस मामले की बात हो रही है वह मीडिया के माध्यम से ही सामया है

उन्होंने कहा कि कोर्ट और पुलिस की तरफ से इस विषय पर अभी कुछ पूछा नहीं गया है और ना ही किसी तरह का कोई पत्र आया है. मामला 10 और 12 दिसंबर 2018 से संबधित होने के चलते मैंने अस्पताल का रजिस्टर चेक कराया है. इन तिथियों में शुभम नाम का कोई व्यक्ति न तो भर्ती हुआ है और न ही डिस्चार्ज किया गया है.’ डॉ. विनय तोमर ने आगे कही कि अगर कोई जांच एजेंसी इस बारे में पूछताछ करेगी तो मैं पूरी जानकारी उपलब्ध करा दूंगा.

आपको बता दें कि उन्नाव मामले के दो
लोगों में से एक शुभम ने अदालत में प्रार्थना पत्र देकर दावा किया था कि वे घटना
के दिन 12 दिसंबर 2018 को अस्पताल
में भर्ती था. इस मामले में प्राथमिकी मार्च 2019
में लिखी गई. युवक का दावा था कि वह हाइड्रोसील
के ऑपरेशन के लिए अस्पताल में भर्ती हुआ था. जबकि डॉक्टरों का कहना है कि यह इतना
बड़ा अस्पताल ही नहीं है जहां कोई ऑपरेशन हो सके. यहां केवल सामान्य रोगियों को ही
देखा जाता है और यहां ऑपरेशन होते ही नहीं हैं. जिसको लेकर पुलिस का कहना है कि एक
महीने पहले शुभम के पिता ने अदालत में याचिका के साथ कुछ दस्तावेज दाखिल किए थे
जिन्हें अदालत ने खारिज कर दिया था.