शहर में बिना पं’जी’यन दौड़ रहे वाहन आरटीओ के लिए सि’र’दर्द बन गया है। बार-बार नो’टि’स के बाद भी गाड़ी मालिक चेत नहीं रहे है। 15 साल उ’म्र पूरी के होने के बाद भी गाड़ी मा’लि’क दो व चार पहिया वा’ह’न सड़क पर बिना पंजीयन दौड़ा रहे हैं। अब ऐसे वाहन चे’किं’ग में पकड़े गए तो पांच हजार रुपये तक जु’र्मा’ना देना पड़ेगा।
ऐसे वा’ह’नों की संख्या लखनऊ में पांच लाख 32 हजार है तो प्रदेश में 46 लाख के पार बताई जा रही है। ये आकड़ा एक अगस्त 2020 तक का है। इनमें 50 फीसदी वाहन स’ड़’क पर चलने का दावा किया जा रहा है। जोकि इनके चलने से शहर में प्र’दूष’ण का स्तर बढ़ने का खतरा मंडरा रहा है। एआरटीओ (प्रशासन) अंकिता शु’क्ला ने कहा कि बगैर पंजीकृत वाहन अपराध के श्रेणी में आते है। बावजूद गाड़ी मालिक लापरवाह बने हुए है। अब ऐसे वाहनों के पुन: पं’जी’यन नहीं कराने पर चेकिंग में पकड़े गए तो पांच हजार रुपये तक जुर्माना लगना तय है।
लखनऊ, कानपुर व वाराणसी में सबसे ज्या’दा वाहन
प्रदेश के 76 जिलो से मुख्यालय पहुंचा बिना पं’जी’कृत वाहनों की सूची चौकाने वाली निकली। सबसे ज्यादा बगैर पं’जीकृत वा’हन लखनऊ में पाए गए। जबकि दूसरे नंबर पर का’नपुर व तीसरे पर वाराणसी रहा। इन तीनों शहरों में वाहनों से नि’कलने वाला सबसे ज्यादा प्रदूषण लोगों को बिमार कर रहा है।
गाड़ी मालिकों को ये काम करना होगा
15 साल उम्र पूरी कर चुके दो व चार पहिया वा’ह’नों के प्रदूषण जांच के बाद गाड़ी मालिक को परिवहन विभाग के वे’ब’साइट पर जाकर आवेदन के साथ फीस जमा करना पड़ेगा। जिसका प्रिंट आउट लेकर संबंधित आरटीओ कार्यालय जाना पड़ेगा। वहां गाड़ी का ब्यौरा दर्ज करके पुन: पंजी’यन का प्रमाण पत्र मिलेगा। वहीं जिन्होंने गाड़ी कबाड़ में बेच दिया है या गाड़ी चलने लायक नहीं है और घर में खड़ी है तो इस आशय का प्रार्थना पत्र आरटीओ का’र्या’लय में जमा करना पड़ेगा।