दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 के नतीजों हर किसी को बेसब्री से इंतजार था. 11 फरवरी को नतीजे आने के बाद ये साफ हो गया कि भारतीय जनता पार्टी का फॉर्मूला इस बार फेल हो गया. सुबह से ही रुझानों से ये अनदेशा हो गया था कि रिजल्ट आम आदमी पार्टी के पक्ष में ही है और भाजपा को करारा हार मिली है. अरविंद केजरीवाल पहले से ही अपनी जीत का दावा कर रहे थे और वहीं भाजपा के दावे पूरी तरह से फेल साबित हुए. आइए आपको बताते हैं कि कौन सी तीन वजहों रही जिससे भाजपा दिल्ली चुनाव में मात खा गई. इनमें दूसरा कारण तो सबसे खास है.

1.बीजेपी के दिल्ली विधानसभा चुनाव में मात खाने का सबसे पहला कारण है कि उन्होंने बुनियादी मुद्दों पर जोर न देकर राष्ट्रीय मुद्दों को ज्यादा तवज्जो देना ठीक समझा. भाजपा ने दिल्ली और दिल्लीवालों की समस्याओं पर गहराई से पड़ताल नहीं की और सिर्फ राष्ट्रीय मुद्दों को उठाया जिससे दिल्ली की जनता को कोई प्रभाव नहीं पड़ा और भाजपा को दिल्ली वालों ने नकार दिया।

2. भारतीय जनता पार्टी के दिल्ली में मात खाने की दूसरी वजह सबसे खास और अहम है. भाजपा ने दिल्ली में चुनाव लड़ा, जमकर प्रचार भी किया लेकिन भाजपा ने अपने सीएम पद के दावेदार का चेहरा ही सबके सामने नहीं रखा. वो सिर्फ मोदी के नाम पर ही चुनाव लड़ते रहे. वहीं दिल्ली की जनता के सामने अरविंद केजरीवाल के रूप में सीएम पद के लिए करिश्माई चेहरा था. इसी वजह से भाजपा यहां पर चूक गई और जनता ने केजरीवाल के पक्ष में वोट दिया और भाजपा को नकार दिया।

3. दिल्ली में भाजपा की हार का तीसरा बड़ी वजह नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी का डर भी रहा है. सीएए के विरोध की वजह से दिल्ली की लोगों ने ‘आप’ को वोट किया. वहीं भाजपा ने शाहीन बाग के मुद्दे को हर रैली में उठाने की कोशिश की लेकिन वो दांव भी सफल नहीं हो पाया. वहीं कांग्रेस का वोट भी खिसककर आप के पास ही चला गया।